भारत में डेल्टा प्लस कोविड संस्करण के 40 से अधिक मामलों का पता चला है, जिसे सरकार ने "चिंता के संस्करण" के रूप में टैग किया है।
सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में नए स्ट्रेन के कुल 21 मामले, मध्य प्रदेश में छह, केरल और तमिलनाडु में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में एक-एक मामले पाए गए हैं।
वैज्ञानिक वर्तमान में एक एंटी-कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं जो कोविड के सभी प्रकारों को खत्म कर देगा। इतना ही नहीं, वैक्सीन भविष्य की महामारियों को रोकने में भी मदद करेगी।
पीटीआई के मुताबिक, वैज्ञानिक फिलहाल एक ऐसे टीके पर काम कर रहे हैं जो कोविड-19 के साथ-साथ अन्य सभी तरह के कोरोना के खिलाफ भी कारगर हो सकता है।
फिलहाल वैज्ञानिकों द्वारा इस टीके का चूहों पर परीक्षण किया जा रहा है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के वैज्ञानिकों ने इस पर पहले ही शोध शुरू कर दिया है।
एक वैक्सीन विकसित की जा रही है जो कोविड के सभी रूपों से लड़ेगी। यह वैक्सीन भविष्य की सभी महामारी से लड़ने में मदद करेगी। इस वैक्सीन को सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन कहा जाता है।
टीका वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ प्रभावी है। पिछले दो दशकों में एक ही श्रेणी के दो रूपों ने दुनिया में तबाही मचा रखी है। एक है सार्स और दूसरा है कोविड-19।
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस टीके का चूहों पर परीक्षण किया गया। परीक्षणों से पता चला कि चूहों में एंटीबॉडी का उत्पादन किया गया था। इससे एंटीबॉडी का विकास हुआ है जो स्पाइक प्रोटीन का प्रतिकार कर सकता है। परीक्षण किए गए चूहे सार्स और कोविड -19 वायरस से संक्रमित थे।
कहा जा रहा है कि इन सभी का विस्तृत परीक्षण चल रहा है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल इंसानों पर इसका परीक्षण किया जा सकता है
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